भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) की स्थापना 1986 में एक पंजीकृत संस्था के रूप में की गई थी। सितंबर 1992 में संसद द्वारा आरसीआई अधिनियम पारित किया गया और 22 जून 1993 को यह एक सांविधिक निकाय बन गया। इस अधिनियम को और व्यापक बनाने के लिए संसद द्वारा 2000 में इसमें संशोधन किया गया। आरसीआई को दिव्यांगजनों को दी जाने वाली सेवाओं का विनियमन और निगरानी, पाठ्यक्रमों का मानकीकरण और पुनर्वास एवं विशेष शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत सभी योग्य पेशेवरों और कर्मियों का एक केंद्रीय पुनर्वास रजिस्टर बनाए रखने का कार्य सौंपा गया है। अधिनियम में दिव्यांगजनों को सेवाएं प्रदान करने वाले अयोग्य व्यक्तियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान है।